सोयाबीन फसल के लिए साप्ताहिक कृषि परामर्श –
इस समय कई क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल अलग-अलग परिस्थितियों से गुजर रही है। कुछ स्थानों पर सूखे की स्थिति है, जबकि कहीं ज्यादा वर्षा हो रही है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल की स्थिति के अनुसार उचित प्रबंधन करना जरूरी है। सोयाबीन फसल साप्ताहिक सलाह पाने के लिए हमें सपोर्ट अवश्य करे।
सिंचाई और जल निकासी –
जहां सूखे की स्थिति है, वहां खेत में दरारें पड़ने से पहले ही सिंचाई करें।
जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही है, वहां खेत से अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था अवश्य करें।
चूहों का नियंत्रण –
अर्ली वैरायटी में इस समय फलियों में दाने भरने की स्थिति है। इस अवस्था पर चूहों का प्रकोप बढ़ जाता है। वे गड्ढे बनाकर पौधों की पत्तियां और दाने कुतरते हैं।
नियंत्रण के लिए फ्लूकोमाफिन की गोलियां (15–20 बेड) बनाकर बिलों के आसपास रखें।
बीज उत्पादन हेतु शुद्धता बनाए रखना –
यदि किसान बीजोत्पादन का कार्यक्रम ले रहे हैं तो फसल की शुद्धता बनाए रखना बहुत आवश्यक है।
खेत से अन्य किस्मों के पौधे निकालकर नष्ट करें।
समय पर यह कार्य करने से शुद्ध बीज का उत्पादन संभव होगा।
सफेद सुंडी (White Grub) का प्रबंधन –
सूखे की स्थिति वाले क्षेत्रों में सफेद सुंडी का प्रकोप अधिक होता है। यह जड़ों को नुकसान पहुंचाती है।
नियंत्रण हेतु बीटा-साइक्लोथ्रीन + इमिडाक्लोप्रिड दवा 350 मिली/हेक्टर की दर से सॉइल ड्रेंचिंग करें।
पानी का प्रयोग इस तरह करें कि दवा पौधों की जड़ों तक अच्छी तरह पहुंच जाए।
फफूंदनाशी का उपयोग –
फूल आने की अवस्था निकल चुकी है और अब फसल फलियों में दाने भरने की अवस्था पर है। इस समय एक फफूंदनाशी छिड़काव अवश्य करें।
इसके लिए फ्लुक्सा पायरोक्साइड + पायरोक्लोस्ट्रोबिन (पूर्व मिश्रित फफूंदनाशी) का प्रयोग करें।
खुराक: 300 ग्राम प्रति हेक्टर।
अन्य सावधानियां और उपाय –
खेत में पक्षियों के बैठने की व्यवस्था करें और फेरैमोन ट्रैप का उपयोग करें।
फसल का नियमित निरीक्षण करें। पौधों को हिलाकर इल्लियों की अवस्था देखें।
छिड़काव करते समय पानी की मात्रा का विशेष ध्यान रखें:
पीठ पर टंकी (Knapsack Sprayer): 450–500 लीटर/हेक्टर।
पावर स्प्रेयर: 150–200 लीटर/हेक्टर।
अनुशंसित रसायनों का ही प्रयोग करें –
दवा खरीदते समय हमेशा बिल लें, एक्सपायरी तिथि जांचें और अनधिकृत मिश्रणों का उपयोग न करें।
जैविक नियंत्रण –
जैविक उपाय अपनाने वाले किसान निम्न का उपयोग कर सकते हैं:
बेसिलस थुरिंजिएन्सिस (Bt)
ब्यूवेरिया बेसियाना
इनमें से किसी एक का छिड़काव फसल पर किया जा सकता है।
यह थी सोयाबीन फसल के लिए इस सप्ताह की कृषि सलाह। फसल की स्थिति पर लगातार निगरानी रखें और समय-समय पर अनुशंसित उपायों को अपनाते रहें।
📌 FAQ सेक्शन
प्रश्न 1: सूखे की स्थिति में सोयाबीन फसल में क्या करना चाहिए?
उत्तर: खेत में दरारें पड़ने से पहले ही सिंचाई करनी चाहिए और पौधों की नमी बनाए रखनी चाहिए।
प्रश्न 2: अधिक वर्षा होने पर सोयाबीन फसल को कैसे बचाएं?
उत्तर: खेत से अतिरिक्त पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए ताकि जलभराव से पौधों की जड़ें खराब न हों।
प्रश्न 3: सोयाबीन की फसल में चूहों का नियंत्रण कैसे करें?
उत्तर: फ्लूकोमाफिन की गोलियां (15–20 बेड) बनाकर चूहों के बिलों के आसपास रखने से नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रश्न 4: सफेद सुंडी (White Grub) का प्रभावी प्रबंधन क्या है?
उत्तर: बीटा-साइक्लोथ्रीन + इमिडाक्लोप्रिड दवा 350 मिली/हेक्टर की दर से सॉइल ड्रेंचिंग करना चाहिए।
प्रश्न 5: जैविक नियंत्रण के लिए कौन-सी दवाएं उपयोगी हैं?
उत्तर: बेसिलस थुरिंजिएन्सिस (Bt) और ब्यूवेरिया बेसियाना का छिड़काव जैविक नियंत्रण के लिए प्रभावी है।







