मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लाड़ली बहनों को दी बड़ी खुशखबरी, इस तारीख को मिलेगी लाड़ली बहना योजना की 26 वीं किस्त
लाड़ली बहना योजना की 26 वीं किस्त : प्रदेश की लाखों महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज घोषणा की कि लाड़ली बहना योजना के तहत 12 जुलाई को लाभार्थियों के खातों में सहायता राशि जमा कर दी जाएगी। इसके अलावा, रक्षाबंधन के खास मौके पर अगस्त महीने में हर लाभार्थी को नियमित सहायता के साथ-साथ 250 रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। इस योजना से प्रदेश की लगभग 1.27 करोड़ महिलाओं को सीधा फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह जानकारी बुधवार को मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए दी।
जेएनयू ने मध्यप्रदेश के नवाचार को अपनाया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक और गर्व की बात साझा करते हुए बताया कि राज्य सरकार के एक अनूठे प्रयास को दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने भी अपनाया है। अब जेएनयू में भी कुलपति को ‘कुलगुरु’ के नाम से संबोधित किया जाएगा, जो मध्यप्रदेश सरकार की पहल से प्रेरित है। यह निर्णय शिक्षा जगत में राज्य के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
गुरु पूर्णिमा पर विशेष आयोजन, सांदीपनि विद्यालय का लोकार्पण
आगामी 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश भर के स्कूलों और कॉलेजों में दो दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन कार्यक्रमों में जिले के प्रभारी मंत्रियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधि, शिक्षक, संत-महात्मा और गणमान्य नागरिक शामिल हों। इसी कड़ी में, भोपाल के कमला नेहरू स्कूल परिसर में सांदीपनि विद्यालय का उद्घाटन भी किया जाएगा, जो शिक्षा के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
बीआरटीएस हटाने का फैसला साबित हुआ कारगर
मुख्यमंत्री ने बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने के सरकार के फैसले को सही साबित करते हुए बताया कि इससे सड़क दुर्घटनाओं में 51% की गिरावट आई है, जबकि दुर्घटनाओं में मृत्यु दर में 70% तक की कमी दर्ज की गई है। यह आंकड़े सरकार की जनकेंद्रित नीतियों की सफलता को उजागर करते हैं। गौरतलब है कि बीआरटीएस को जनवरी 2024 में हटाया गया था, और इसके सकारात्मक परिणाम अब स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
मध्यप्रदेश का प्रतिनिधिमंडल दुबई और स्पेन की यात्रा पर, निवेश और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि राज्य का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 13 से 19 जुलाई तक दुबई और स्पेन की आधिकारिक यात्रा पर रहेगा। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल वहां की प्रमुख कंपनियों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ व्यापारिक वार्ताएं करेगा, साथ ही निवेश के नए अवसरों की तलाश भी करेगा।
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में विदेशी निवेश को बढ़ावा देना, उन्नत प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान करना, अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच सुनिश्चित करना और रोजगार के नए अवसर सृजित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल मध्यप्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल वन-टू-वन बैठकों, व्यापार सम्मेलनों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ रणनीतिक चर्चाओं में भाग लेगा। साथ ही, दुबई और स्पेन की कंपनियों को मध्यप्रदेश में उपलब्ध व्यापारिक सुविधाओं और नीतिगत लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश को नए उद्योग, रोजगार के अवसर और तकनीकी सहयोग मिलने की उम्मीद है, जिससे मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति को नई गति मिलेगी। यह प्रयास राज्य सरकार की ‘ग्लोबल मध्यप्रदेश’ की दिशा में एक और सशक्त पहल है।
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जाति प्रमाण-पत्र समय पर जारी करने के निर्देश
मंत्रिपरिषद की बैठक से पहले आज एक महत्वपूर्ण घटना ने सरकार की संवेदनशीलता को रेखांकित किया। नगरीय प्रशासन एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का पौधा भेंट कर स्वागत किया और उनकी सहृदयता के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की।
श्रीमती बागरी ने बताया कि हाल ही में एमपीपीएससी द्वारा चयनित दो अभ्यर्थियों को जाति प्रमाण-पत्र में आंशिक त्रुटि के कारण नियुक्ति प्रक्रिया में बाधा आ रही थी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत संबंधित जिला कलेक्टर को निर्देशित किया। इसके बाद दोनों अभ्यर्थियों को शीघ्रता से सही जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए और उन्होंने अपने नए पद पर ज्वाइन कर लिया।
इस प्रसंग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सुगम और पारदर्शी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी योग्य अभ्यर्थी को केवल दस्तावेजी त्रुटि या देरी के कारण परेशान नहीं होना चाहिए। सभी जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि जरूरतमंद नागरिकों को समय पर और त्रुटिहीन जाति प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश से प्रशासनिक व्यवस्था में और सुधार की उम्मीद जगी है, ताकि भविष्य में ऐसी कोई समस्या न उत्पन्न हो। यह कदम सरकार की जनहित में त्वरित कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।







