मक्का की खेती का दुश्मन है यह अमेरिकी कीट, ऐसे करें इस किट का सफाया

By Shankar Aanjana

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makka ki kheti

मक्का की खेती : भारत में मक्का ,मक्की (मकई) (Maize/Corn) की फसल एक प्रमुख खरीफ और रबी फसल है, जिसका उपयोग खाने, पशु आहार, और उद्योगों (स्टार्च, पॉपकॉर्न, बायोफ्यूल) के रूप में होता है। यह धान और गेहूं के बाद तीसरी सबसे महत्वपूर्ण अनाज फसल है।

लैकिन अब मक्का मकई की फसल को तय्यार करना आसान नहीं रहा मक्का की खेती के कई दुश्मन किट है जो इसे उगने से लेकर कटाई तक फसल मे नुकसान पँहुचाते रहते है जिसमें से फॉल आर्मी वर्म (Fall Armyworm – Spodoptera frugiperda) या मक्का मे लगने वाली इल्ली जो मक्के की फसल का सबसे खतरनाक और तबाही मचाने वाला कीट है। यह अमेरिका से आया हुआ “आक्रमक विदेशी कीट” है जो पूरे भारत में तेजी से फैल रहा है।

फॉल आर्मी वर्म / मक्का मे लगने वाली इल्ली की सबसे डरावनी बात? यह है की यह किट रातों रात फसलों को तबाह करने की क्षमता रखता है यह लगातार मक्का (मकई) की नई नई आने वाली पत्तियों को खाते रहता है और पत्तियों के अंदर पिंगलियों के बीच मे चला जाता है जिसके चलते आसानी से इसका नियंत्रण भी नहीं हो पाता ।

फॉल आर्मी वर्म से मक्का की फसल को होने वाले नुकसान

1. पत्तियों को खाना (Leaf Feeding Damage)

  • लार्वा (Larvae) पत्तियों को किनारों से खाना शुरू करते हैं।
  • “रैग्ड होल्स” (Ragged Holes) बनाते हैं, जिससे पत्तियाँ छलनी (Skeletonized) जैसी दिखती हैं।
  • पूरी पत्ती खाकर पौधे को कमजोर (Weak) कर देते हैं।

2. तने में सुरंग बनाना (Stem Boring)

  • बड़े लार्वा तने (Stem) में छेद करके अंदर घुस जाते हैं।
  • इससे पौधे की वृद्धि (Growth) रुक जाती है और तना टूट (Stem Breakage) सकता है।

3. भुट्टों (Cobs) पर हमला

  • फॉल आर्मीवर्म सीधे भुट्टे (Ear/Cob) में घुसकर दाने (Grains) खाता है।
  • भुट्टे के ऊपर गोल छेद (Bored Holes) दिखाई देते हैं।
  • संक्रमित भुट्टों पर फफूंदी (Fungal Infection) लगने का खतरा बढ़ जाता है।

4. पूरे खेत की बर्बादी (Field Destruction)

  • एक मादा कीट (Female Moth) 1000-1500 अंडे (Eggs) देती है, जिससे कीटों की संख्या (Infestation) तेजी से बढ़ती है
  • 3-4 दिनों में ही लार्वा पूरे खेत (Entire Field) में फैल सकते हैं।
  • उपज (Yield) 20-50% तक कम हो सकती है।
कृषि विभाग के अधिकारी दल द्वारा मक्का की फसलों का निरीक्षण

नुकसान का आँकड़ा: फॉल आर्मीवर्म मक्के की फसल को 20-50% तक नुकसान पहुँचा सकता है। अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए,तो पूरी फसल बर्बाद कर सकता है ।

यह भी देखें : मक्का की 5 नई उन्नत किस्में : पशुपालक और चारा उत्पादक किसानो के लिए जारी की गई 2 नई किस्में

फॉल आर्मीवर्म की पहचान (Identification)

  • शरीर: शरीर पर धारियों के साथ-साथ चार काले गोल बिंदु होते हैं, जो आखिरी भाग के पास वर्ग के आकार में होते हैं।
  • लार्वा (Larvae): हरे, भूरे या काले रंग के, पीठ पर “Y” आकार का निशान।
  • वयस्क (Adult Moth): भूरे रंग की शलभ (Moth), पंखों पर सफेद धब्बे।
  • अंडे (Eggs): पत्तियों की निचली सतह पर गुच्छों (Clusters) में।

फॉल आर्मीवर्म का जीवन चक्र / life cycle of fall armyworm

फॉल आर्मीवॉर्म का जीवन चक्र चार प्रमुख अवस्थाओं में पूरा होता है: अंडा, लार्वा, प्यूपा (कोषावस्था), और वयस्क (प्रौढ़ पतंगा)। मादा पतंगा पत्तियों की निचली सतह पर अंडे देती है, जो लगभग 100–200 की संख्या में गुच्छों में होते हैं। 2–4 दिनों में इन अंडों से छोटे-छोटे लार्वा निकलते हैं, जो सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं।

लार्वा अवस्था लगभग 14–22 दिनों तक रहती है और इस दौरान ये कीट मक्का की पत्तियों, तने और भुट्टे को चट कर जाते हैं। इसके बाद लार्वा मिट्टी में चला जाता है, जहां यह कोषावस्था (pupa) में बदल जाता है। यह अवस्था लगभग 7–14 दिनों तक रहती है। फिर इससे वयस्क पतंगा निकलता है, जो उड़कर दूसरे खेतों में चला जाता है और फिर से जीवन चक्र शुरू करता है। अनुकूल मौसम में फॉल आर्मीवॉर्म का पूरा जीवन चक्र सिर्फ 30–40 दिनों में पूरा हो सकता है, जिससे यह कीट बहुत तेजी से फैलता है।

मक्का की खेती में सैनिक कीट (फॉल आर्मीवर्म) का नियंत्रण

मक्का में सैनिक कीट के नियंत्रण के लिये आप दानेदार दवाई थायोमेथॉक्साम + क्लोरोएंट्रीनीलीप्रोल, (Thiamethoxam + Chlorantraniliprole) दानेदार दावाई 2.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से मक्के की फसल मे इस्तेमाल कर सकते है इसका स्तेमाल 4-6 दाने प्रति पौधा मक्का की पिंगली (बीच मे) में डाले,

तथा पत्तियों पर छिड़काव करने के लिये फ्लूबेंडा माईट 480 एससी (Flubendiamide 480 SC) , 60 मि.ली. प्रति एकड़ अथवा स्पाइनोसेड (Spinosad 45 SC), 80 मि.ली. प्रति एकड़ का छिड़काव कर सकते है ।

अन्य प्रभावी कीटनाशक (Insecticides) — फॉल आर्मीवॉर्म के लिए:

कीटनाशक का नाममात्रा/हेक्टेयरटिप्पणी
स्पाइनेटोराम 11.7% SC250 मिली/हेक्टेयरबहुत प्रभावी; शुरुआती अवस्था में दें
क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5% SC150-200 मिली/हेक्टेयरअंडों और लार्वा दोनों पर असरदार
थायोमेथॉक्साम + लैम्ब्डा सायहेलोथ्रिन (Zygant/Ampligo)100-125 मिली/हेक्टेयरमिश्रित कीटनाशक; फास्ट नॉकडाउन
इमामेक्टिन बेंजोएट 5% SG200 ग्राम/हेक्टेयरकम लागत में अच्छा असर
स्पिनोसेड 45% SC160 मिली/हेक्टेयरजैविक-आधारित विकल्प
क्लोरपायरीफॉस 20% EC1 लीटर/हेक्टेयरपुराने लार्वा के लिए उपयोगी

यह भी देखें : सोयाबीन की इस किस्म के माध्यम से किसान कृषि को बना रहे हैं व्यवसाय

मक्का की खेती के लिए अतिरिक्त सुझाव और नियंत्रण

मक्का की खेती के लिए कुछ अतिरिक्त सुझाव बता रहें है जो आपको किट नियंत्रण मे मदद करेंगे:

अगर आप मक्का की खेती करते हैं, तो कीट नियंत्रण की सावधानी बहुत जरूरी है, खासकर बारिश के मौसम में जब कीटों का प्रकोप तेजी से बढ़ता है। नीचे कुछ ऐसे आसान और असरदार उपाय दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।

मक्का के खेत में फेरोमोन ट्रैप लगाना एक कारगर तरीका है। प्रति एकड़ 4 से 5 ट्रैप लगाने से नर कीट आकर्षित होकर फँस जाते हैं, जिससे उनकी संख्या में कमी आती है और प्रजनन चक्र टूटता है।

जैविक नियंत्रण के तौर पर ट्राइकोग्रामा कार्ड का इस्तेमाल करें। ये छोटे परजीवी कीटों के अंडों को नष्ट कर देते हैं। प्रति एकड़ लगभग 50,000 कार्ड रिलीज करना फायदेमंद होता है।

नीम का तेल और हल्के साबुन का मिश्रण बनाकर छिड़काव करना एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है। यह उपाय शुरुआती संक्रमण को रोकने में काफी मदद करता है।

फसल चक्र अपनाना भी एक महत्वपूर्ण उपाय है। मक्का के बाद गेहूं और फिर दलहनी फसलें लेने से कीटों के जीवनचक्र में बाधा आती है और संक्रमण की संभावना कम होती है।

हर दिन खेत का निरीक्षण करना न भूलें — खासतौर पर पत्तियों के नीचे अंडों या लार्वा की जांच करें। जैसे ही 5 से 10 प्रतिशत पौधों में संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, तुरंत नीम तेल का छिड़काव करें।

जुलाई और अगस्त के महीने कीटों के प्रकोप के लिए सबसे संवेदनशील माने जाते हैं। इस दौरान विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है।

ट्राइकोग्रामा कार्ड एक जैविक कीट नियंत्रण (Biological Pest Control) तकनीक है, जिसमें छोटे परजीवी ततैया (Parasitic Wasps) का उपयोग कर फसलों के हानिकारक कीटों के अंडों को नष्ट किया जाता है। यह फॉल आर्मीवर्म (Fall Armyworm), तना छेदक (Stem Borer) और अन्य कीटों के नियंत्रण में बहुत प्रभावी है।

गोल्डन टिप: खेत के चारों ओर अरंडी (Castor) या सूरजमुखी लगाएँ → ये फॉल आर्मीवर्म को आकर्षित करते हैं, फिर आसानी से नष्ट कर सकते हैं!

कीटनाशक छिड़काव का सही तरीका:

  • सुबह या शाम के समय छिड़काव करें, जब कीट सक्रिय होते हैं।
  • पत्तियों के अंदर और पौधों के बीच तक दवा पहुंचे — इस पर ध्यान दें।

सावधानियां:

  1. एक ही दवा बार-बार न डालें — कीट प्रतिरोधक बन सकता है।
  2. सुरक्षा उपकरण पहनें (दस्ताने, मास्क आदि)।
  3. जैविक व एकीकृत कीट प्रबंधन (IPM) का पालन करें — हर समय रसायन न डालें।

फॉल आर्मीवर्म किट से फसल को बचाने के लिए बीज उपचार अवश्य करे

1. सबसे प्रभावी विकल्प:

सायन्ट्रानिलिप्रोल 19.8% + थायमेथोक्सम 19.8% FS
खुराक: 6 मिली प्रति किलो बीज

मुख्य लाभ:

  • यह दवा कीटों के अंडों और छोटे लार्वा को प्रभावी रूप से नष्ट करती है।
  • थायमेथोक्सम की तुलना में लगभग 35 दिनों तक बेहतर सुरक्षा देती है।
  • फसल को शुरुआती अवस्था में ही सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे उत्पादन पर सकारात्मक असर पड़ता है।

2. वैकल्पिक विकल्प:

क्लोरएनट्रानिलिप्रोल 62.5% FS
खुराक: 5.6 मिली प्रति किलो बीज

विशेषताएं:

  • यह दवा सीधे कीटों के तंत्रिका तंत्र पर असर डालती है।
  • लार्वा कुछ ही समय में पैरालाइज होकर निष्क्रिय हो जाता है।
  • इसका असर तीव्र होता है और पौधे को शुरू से ही सुरक्षा मिलती है।

यदि आप इन उपचारों में से किसी एक का सही तरीके से प्रयोग करते हैं, तो मक्का की फसल को फॉल आर्मीवर्म जैसे प्रमुख कीटों से शुरुआती स्तर पर ही काफी हद तक बचाया जा सकता है। इससे न केवल पैदावार बेहतर होती है, बल्कि उत्पादन लागत भी नियंत्रित रहती है।

नोट: बीज उपचार से पहले दवा की मात्रा, विधि और समय को लेकर स्थानीय कृषि अधिकारी या विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। सभी दवाओं का उपयोग केवल अनुमोदित निर्देशों के अनुसार ही करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

मक्का मे फॉल आर्मीवर्म का हमला कब शुरू होता है?

बुआई के 2-3 हफ्ते बाद से लेकर भुट्टा बनने तक (मई से सितंबर)।

फॉल आर्मीवर्म किन किन फसलों को नुकसान पहुँचाता है?

यह किट कपास, गन्ना, धान और सब्जियों पर भी हमला करता है।

फॉल आर्मीवर्म का जैविक उपाय क्या है?

नीम के तेल + साबुन का स्प्रे और Trichogramma कार्ड्सफेरोमोन ट्रैप का उपयोग

फॉल आर्मीवर्म (मक्का की इल्ली) से बचने के लिए सबसे अच्छा बीज उपचार क्या है ?

सायन्ट्रानिलिप्रोल + थायमेथोक्सम से बीज उपचार करने पर लगभग 35 दिनों तक कीटों से सुरक्षा मिलती है।


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