बारिश में मूंग की खेती कैसे करे, वैज्ञानिक सलाह एंव जानकारी | mung ki kheti

By Shankar Aanjana

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बारिश में मूंग की खेती

बारिश में मूंग की खेती | mung ki kheti

बारिश का मौसम मूंग (green gram) की खेती के लिए आदर्श समय है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अनुसार, मूंग की वर्षाकालीन खेती से:

  • 30% कम सिंचाई लागत 💧
  • 25% अधिक उपज 📊
  • कीट-रोगों का जोखिम कम 🛡️
  • मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने में मदद (नाइट्रोजन स्थिरीकरण) 🌱

📊 त्वरित तथ्य तालिका (मूंग की वर्षाकालीन खेती)

पैरामीटरविवरण
बुवाई का समयजून के अंत से जुलाई के प्रथम सप्ताह
फसल अवधि65-75 दिन
अनुमानित उपज20-25 क्विंटल/एकड़
न्यूनतम बाजार मूल्य₹6,000-7,000/क्विंटल
शुद्ध लाभ₹1.2-1.7 लाख/एकड़
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🌿 चरण 1: उन्नत किस्मों का चयन (वर्षा-अनुकूल)

भारतीय कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार:

क्षेत्रअनुशंसित किस्मेंविशेषता
उत्तर भारतपूसा विशालएमएलयू-1बौर झड़ने रोधी
दक्षिण भारतलम्बी-1टीएमबी-37फफूंदी प्रतिरोधी
पूर्वी भारतपंत मूंग-5आईपीएम-2-14जलभराव सहनशील

💡 किसान टिप: बीज दर 12-15 किलो/एकड़ (अंकुरण दर 90% सुनिश्चित करने के लिए)

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🌧️ चरण 2: खेत तैयारी एवं बुवाई (मानसून विशेष)

वैज्ञानिक पद्धति:

1. **जल निकासी:** खेत में 1.5-2 फुट ऊँची मेढ़ बनाएं  
2. **बीजोपचार:** *ट्राइकोडर्मा* 5g + *राइजोबियम* 10g प्रति किलो बीज  
3. **बुवाई विधि:**  
   - लाइन से लाइन दूरी: 30 सेमी  
   - पौधे से पौधे दूरी: 10 सेमी  
   - गहराई: 3-4 सेमी (भारी बारिश में उथली बुवाई)  

मौसम अनुकूलन:

“जुलाई में लगातार बारिश हो तो स्प्रिंकलर सिस्टम से अंकुरण सहायता दें”
(डॉ. एस.के. सिंह, कृषि मौसम वैज्ञानिक)

🌱 चरण 3: पोषण प्रबंधन (वर्षाकालीन विशेष)

जैविक + रासायनिक समन्वय:

अवस्थाखाद/उर्वरक (प्रति एकड़)
बुवाई के समय5 टन वर्मीकम्पोस्ट + 20kg DAP
20-25 दिन (शाखाएं निकलते समय)10kg यूरिया + जीवामृत 200 लीटर
फूल आने से पहले0:52:34 NPK (25kg) + माइक्रोन्यूट्रिएंट्स

⚠️ चेतावनी: अधिक नाइट्रोजन से पत्ते बढ़ेंगे, फलियाँ कम!

🐛 चरण 4: कीट एवं रोग प्रबंधन (मानसून में आम समस्याएँ)

प्राकृतिक नियंत्रण विधियाँ:

समस्याजैविक उपचार
यलो मोज़ेक वायरसनीम तेल (5ml/L) + गोमूत्र (10%) छिड़काव
पाउडरी मिल्ड्यूगंधक चूर्ण (25g/10L पानी)
हरी तेलानीम की खली (250kg/एकड़) मिट्टी में मिलाएं

🌿 जैव विविधता टिप: खेत के किनारे मेढ़ पर गेंदा लगाएं – कीटों को प्राकृतिक रूप से आकर्षित करेगा।

यह भी पढे : सोयाबीन किसानों को माला-माल बना रही सोयाबीन की ये नई किस्में

🌾 चरण 5: कटाई एवं उत्तर कटाई प्रबंधन

अनुकूल तकनीकें:

  1. कटाई का सही समय: 75% फलियाँ भूरी होने पर
  2. थ्रेसिंग: ड्रम थ्रेसर का प्रयोग (नमी 10-12% रखें)
  3. भंडारण: नीम पत्ती के साथ भण्डारण (2% नीम पाउडर मिलाएँ)

मूल्य संवर्धन:

- मूंग दाल बनाकर बेचें: ₹90-120/kg  
- अंकुरित मूंग पैक करें: ₹80-100/kg  
- आटे के रूप में: ₹150-200/kg  

💰 आर्थिक विश्लेषण (प्रति एकड़)

आय/व्यय मदराशि (₹)
लागत (बीज, खाद, श्रम)18,000-22,000
उपज (22 क्विंटल @ ₹6,500)1,43,000
शुद्ध लाभ₹1.21-1.25 लाख

📈 सरकारी सब्सिडी: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) से ₹5,000/एकड़ अनुदान!

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❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न. बारिश में मूंग की फसल को जलभराव से कैसे बचाएँ?
उत्तर. खेत में ‘रिज एंड फरो’ प्रणाली अपनाएँ। मेड़ों की ऊँचाई लगभग 1.5 फुट रखें और अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए उचित नालियाँ बनाएं।

प्रश्न. बारिश में मूंग की खेती के साथ कौन-सी अंतरफसल लगाएँ?
उत्तर. मूंग के साथ अरहर (2:1 अनुपात) या मक्का (3:1 अनुपात) की अंतरफसल लें। इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और कीट प्रकोप भी कम होता है।

यह भी देखें : सोयाबीन की इस किस्म के माध्यम से किसान कृषि को बना रहे हैं व्यवसाय

📜 संदर्भ स्रोत (विश्वसनीय जानकारी)

  1. ICAR-भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर (2025 रिपोर्ट)
  2. कृषि मंत्रालय – मानसून फसल दिशानिर्देश
  3. NABARD – मूंग खेती हेतु वित्तीय योजनाएँ

📢 अंतिम सलाह: “समय बचाएं, तकनीक अपनाएं!”

  1. मौसम अपडेट: IMD ऐप से दैनिक वर्षा डेटा ट्रैक करें
  2. बीमा: PMFBY के तहत फसल बीमा अवश्य करवाएं
  3. बाजार कनेक्शन: e-NAM पर सीधे बेचें (कमीशन 0.5% ही)

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