पीएम किसान मानधन योजना: पात्र किसानों को हर महीने मिलेंगे ₹3000 पेंशन

By Lokesh Anjana

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पीएम किसान मानधन योजना: वृद्धावस्था के लिए किसानों को पेंशन सुरक्षा

भारत में आज भी लाखों छोटे और सीमांत किसान ऐसे हैं, जिनके पास बुढ़ापे में न तो कोई निश्चित आय होती है और न ही सामाजिक सुरक्षा का कोई मजबूत सहारा। खेती पर पूरी तरह निर्भर रहने वाले इन किसानों को वृद्धावस्था में आर्थिक असुरक्षा का सामना करना पड़ता है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने 12 सितंबर 2019 को पीएम किसान मानधन योजना (PM-KMY) की शुरुआत की।

यह योजना विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए बनाई गई है, ताकि उन्हें वृद्धावस्था में एक न्यूनतम गारंटीड पेंशन मिल सके और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर जीवन जी सकें। यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी योजना है, जिसमें किसानों द्वारा हर महीने एक निर्धारित राशि का योगदान किया जाता है, और सरकार उस राशि के बराबर योगदान देती है।

इस योजना का उद्देश्य क्या है?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन किसानों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है, जिनकी आजीविका पूरी तरह खेती पर आधारित है और जो बुढ़ापे में अपने खर्च के लिए दूसरों पर निर्भर न रहना चाहें। चूंकि ग्रामीण भारत में बहुत से किसान ऐसे हैं जिनकी बचत या पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं होती, यह योजना उनके लिए एक आर्थिक संबल का कार्य करती है।

योजना कैसे काम करती है?

पीएम किसान मानधन योजना में यदि कोई किसान 29 वर्ष की उम्र में शामिल होता है, तो उसे हर महीने ₹100 का अंशदान देना होगा। सरकार भी किसान के पेंशन खाते में ₹100 का ही योगदान देगी। इस तरह, किसान और सरकार दोनों मिलकर पेंशन फंड को तैयार करते हैं।

किसान को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने ₹3000 की निश्चित पेंशन मिलती है। यह पेंशन जीवनभर जारी रहती है। ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस योजना में केवल वे किसान ही शामिल हो सकते हैं जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष के बीच है। इसीलिए, चूंकि योजना 2019 में शुरू हुई थी, पहली पेंशन का लाभ 2039 से मिलने की संभावना है

पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था

अगर किसी किसान की पेंशन मिलने के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को पारिवारिक पेंशन के रूप में ₹1500 प्रति माह मिल सकते हैं। यह पेंशन केवल उसी स्थिति में मिलती है जब जीवनसाथी पहले से इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी न हो। यह लाभ सिर्फ जीवनसाथी के लिए निर्धारित है।

इस तरह यह योजना न केवल किसान को, बल्कि उसके परिवार को भी सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती है।

पीएम किसान योजना से सीधा जुड़ाव

पीएम किसान योजना (PM-KISAN) के लाभार्थी किसानों को इस योजना में शामिल होना और भी आसान बनता है। जो किसान सालाना ₹6000 की सहायता प्राप्त कर रहे हैं, वे इस राशि का उपयोग सीधे अपने PM-KMY में योगदान के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल नामांकन-सह-ऑटो-डेबिट फॉर्म भरकर जमा करना होता है। एक बार यह फॉर्म भरने के बाद, PM-KISAN की राशि आने पर ही PM-KMY में अंशदान अपने आप कट जाएगा।

यह प्रक्रिया किसानों के लिए सहज है, और उन्हें अलग से राशि देने की ज़रूरत भी नहीं पड़ती।

योजना की विशेषताएँ

पीएम किसान मानधन योजना की सबसे खास बात यह है कि किसान अकेले नहीं बल्कि सरकार के साथ मिलकर अपनी पेंशन की व्यवस्था करता है। सरकार किसान के हर अंशदान के बराबर राशि खुद देती है, जिससे यह योजना और मजबूत बनती है।

किसान का मासिक योगदान उसकी आयु पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, अंशदान की राशि थोड़ी बढ़ जाती है। 18 वर्ष की उम्र में यह केवल ₹55 प्रति माह से शुरू होता है और अधिकतम ₹200 तक जाता है।

कम मासिक योगदान, लंबी अवधि में स्थिर पेंशन और सरकार की भागीदारी — यही इस योजना की खास पहचान है।

पात्रता की शर्तें

इस योजना में केवल वही किसान शामिल हो सकते हैं जो 1 अगस्त 2019 तक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड के अनुसार दो हेक्टेयर तक खेती योग्य जमीन के मालिक हैं। यानी योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए ही है।

इसके साथ ही, आवेदक की उम्र 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।

किन्हें लाभ नहीं मिलेगा?

कुछ विशेष श्रेणियों के लोग इस योजना के अंतर्गत शामिल नहीं किए गए हैं। इसमें वे किसान शामिल हैं जो पहले से किसी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना जैसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS), कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) या कर्मचारी राज्य बीमा (ESI) में शामिल हैं।

इसके अलावा, जो व्यक्ति पहले से पीएम श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) या पीएम लघु व्यापारी मानधन योजना (PM-LVM) के लाभार्थी हैं, वे भी इस योजना के लिए अपात्र माने जाते हैं

उच्च आय वर्ग के लोग, संस्थागत भूमि मालिक, संवैधानिक पदों के धारक, केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी-कर्मचारी (चतुर्थ श्रेणी को छोड़कर), आयकरदाता और पंजीकृत पेशेवर (जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, सीए) भी इस योजना से बाहर रखे गए हैं।

योजना से बाहर निकलने के विकल्प

इस योजना में एक बार जुड़ने के बाद अगर किसान को किसी कारणवश इसे छोड़ना पड़े, तो इसके लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं।

यदि कोई किसान 10 वर्ष से पहले योजना छोड़ता है, तो उसे सिर्फ उसका योगदान और उस पर बचत बैंक की ब्याज दर के अनुसार ब्याज लौटाया जाएगा।

यदि कोई 10 वर्ष बाद लेकिन 60 साल की उम्र से पहले योजना छोड़ता है, तो उसे उसका पूरा अंशदान और उस पर अर्जित ब्याज (पेंशन फंड या बैंक दर — जो अधिक हो) लौटाया जाएगा।

अगर किसान के योगदान के दौरान उसकी मृत्यु हो जाती है, तो जीवनसाथी योजना को जारी रख सकता है। अगर वह नहीं चाहता, तो योजना से बाहर निकलकर पूरी संचित राशि प्राप्त कर सकता है।

यदि अभिदाता और जीवनसाथी दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो वह संचित राशि पेंशन फंड में समाहित हो जाती है।

आवेदन की प्रक्रिया

किसान इस योजना में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के माध्यम से नामांकन कर सकते हैं। नजदीकी CSC पर जाकर आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें, जिसमें नाम, जन्मतिथि, आधार संख्या, बैंक खाता विवरण और मोबाइल नंबर शामिल हैं।

पंजीकरण के लिए ₹30 शुल्क लिया जाता है, जिसे सरकार वहन करती है — किसान को कोई राशि नहीं देनी होती।

इसके अलावा, किसान स्वयं भी ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। यदि उन्हें सहायता की ज़रूरत हो, तो अपने राज्य या केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त PM-Kisan नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

अधिक जानकारी, दिशा-निर्देश, पेंशन चार्ट और ताज़ा अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
https://pmkmy.gov.in

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना किसानों के लिए एक दीर्घकालिक सामाजिक सुरक्षा उपाय है। इस योजना से न केवल किसानों को वृद्धावस्था में पेंशन मिलती है, बल्कि पारिवारिक पेंशन और सरकारी सहयोग जैसे लाभ भी उन्हें आत्मनिर्भर बनाते हैं। यदि आप एक छोटे किसान हैं और भविष्य की आर्थिक स्थिरता चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए सही विकल्प हो सकती है।

Disclaimer :

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना से संबंधित सभी नियम, पात्रता, लाभ और प्रक्रिया समय-समय पर बदल सकते हैं। किसी भी प्रकार का अंशदान करने या योजना में शामिल होने से पहले कृपया आधिकारिक पोर्टल या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) अथवा राज्य/केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त अधिकृत अधिकारी से पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। इस योजना से जुड़ा कोई भी वित्तीय निर्णय विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही करें। लेखक या वेबसाइट किसी भी वित्तीय हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1. योजना का लाभ किसे मिलेगा?

इस योजना का लाभ उन छोटे और सीमांत किसानों को मिलेगा जिनके पास दो हेक्टेयर तक खेती योग्य जमीन है और जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है।

प्रश्न 2. ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर स्वयं पंजीकरण कर सकते हैं या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर भी पंजीकरण करा सकते हैं।

प्रश्न 3. पंजीकरण के लिए क्या चाहिए?

किसान को आधार नंबर, बैंक खाता विवरण, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर और ज़मीन की जानकारी देनी होती है।


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