भारत में कृषि क्षेत्र में बिजली की कमी एक बड़ी समस्या रही है, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहाँ किसानों को सिंचाई के लिए लगातार बिजली की आवश्यकता होती है। इसके समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है, जो न केवल किसानों के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि उन्हें ऊर्जा उत्पादन में भी आत्मनिर्भर बनाएगी। यह योजना सोलर पंपों के माध्यम से किसानों को सस्ती और स्थिर ऊर्जा प्रदान करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना solar pump yojana
किसान आभार सम्मेलन के दौरान म.प्र के मुख्यमंत्री मोहन जी यादव ने घोषणा करते हुए कहा है की किसानों को अब 5 रुपये में बिजली का स्थाई कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। मध्य क्षेत्र को यह व्यवस्था तत्काल आरंभ करने के निर्देश देते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में किसानों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साँथ ही उन्होंने कहा कि यह किसानों की सरकार है। उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए हर संभव कार्य किए जाएंगे। राज्य सरकार सोलर पंप solar pump के माध्यम से किसानों को बिजली उत्पादन में भी आत्म-निर्भर बनाएगी। अगले तीन वर्ष में किसानों को 30 लाख सोलर पंप उपलब्ध कराकर, किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाएगी। प्रतिवर्ष 10-10 लाख कनेक्शन दिए जाएंगे। किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।
3 साल मे 30 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
मध्यप्रदेश madhyapradesh सरकार का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में किसानों को 30 लाख सोलर पंप (solar pump) उपलब्ध कराना है। इसका लक्ष्य किसानों को बिजली बिल से मुक्ति दिलाना और उन्हें 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष 10 लाख सोलर पंपों का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को लगातार सौर ऊर्जा से लाभ हो, जिससे उनकी खेती की लागत कम हो और उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो, किसानों द्वारा सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली सरकार द्वारा नगद खरीदी जाएगी
सोलर पंप योजना के फायदे Benefits of solar pump scheme :
- बिजली बिल से मुक्ति: सोलर पंपों के इस्तेमाल से किसानों को बिजली बिल की चिंता खत्म हो जाएगी। वे अपनी जरूरत के हिसाब से सौर ऊर्जा का उपयोग करके सिंचाई कर सकेंगे। इस प्रकार, उन्हें बिजली वितरण कंपनियों से निर्भरता नहीं रहेगी और वे अपने खर्चों को कम कर पाएंगे।
- सतत और स्थिर ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है, जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता। किसान दिनभर सौर ऊर्जा का उपयोग कर सकेंगे और उनका काम कभी भी बिजली कटौती या अन्य बाधाओं से प्रभावित नहीं होगा।
- आर्थिक लाभ: सोलर पंपों से न केवल किसानों को मुफ्त ऊर्जा मिलेगी, बल्कि सरकार किसानों द्वारा उत्पादित सौर ऊर्जा को खरीदने का भी प्रस्ताव कर रही है। इसका मतलब है कि किसान सौर ऊर्जा से अतिरिक्त बिजली पैदा कर उसे सरकार को बेच सकते हैं और इसके बदले में उन्हें नगद भुगतान किया जाएगा। इससे किसानों को एक स्थिर आय का स्रोत मिलेगा, जो उनकी वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाएगा।
- सिंचाई लागत में कमी: किसानों के लिए सोलर पंप सिंचाई का एक सस्ता और प्रभावी तरीका है। इस पंप के माध्यम से किसानों को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के पानी मिल सकता है, जिससे उनकी सिंचाई लागत कम हो जाएगी। इसके अलावा, सोलर पंपों के रख-रखाव की लागत भी कम होती है, क्योंकि इनमें कम क्षति होती है और इनकी कार्य क्षमता लम्बे समय तक बनी रहती है।
- पर्यावरण संरक्षण: सोलर पंपों का उपयोग करने से पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे कोयला और तेल का उपयोग कम होगा, जिससे वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी घटेगा। यह पर्यावरण के लिए लाभकारी है और एक हरित भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
धान उपार्जन पर किसानों 4000 रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि मिलेगी
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024 के लिये धान उपार्जन पर 4 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने जा रही है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि सोलर पंप के माध्यम से किसानों को स्थाई कनेक्शन भी दिए जाएंगे। हाल ही में अस्थाई कनेक्शन वाले डेढ़ लाख किसानों को स्थाई कनेक्शन दिलवाए गए हैं और इसकी राशि भी कम की गई है। तीन हॉर्स पॉवर वालों को सोलर पंप (solar pump) की 5% राशि, 5 से 7.50 हॉर्स पॉवर के लिए 10% राशि देना होगी।
प्रदेश मे जिला स्तर पर कृषि मेले लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आने वाले समय में उन्नत कृषि यंत्र, उन्नत बीज और कृषि व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला स्तर पर कृषि मेले लगाए जाएंगे। वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुसार वैश्विक स्तर पर उपलब्ध श्रेष्ठतम बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश में सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर नदी जोड़ो अभियान के अंतर्गत एक लाख करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना और 70 हजार करोड़ से चंबल-काली सिंध-पार्वती लिंक परियोजना का क्रियान्वयन जारी है। इसी के साथ ही महाराष्ट्र के सहयोग से ताप्ती नदी पर तीसरी नदी जोड़ो परियोजना आरंभ होगी।
सरकार 2600 रुपये प्रति क्विंटल खरीदेगी गेहूं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों के साथ है और उनके हित में निरंतर कार्य कर रही है। हम 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीद रहे हैं, इसमें 175 रुपये बोनस राशि है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2003-04 में प्रदेश में गेहूँ खरीदी का सरकारी दाम मात्र 447 रुपए था जो राज्य सरकार ने बढ़ा कर 2 हजार 600 प्रति क्विंटल किया है।