तारीख: रविवार, 31 अगस्त 2025
मौसम अलर्ट MP : मध्यप्रदेश में आगामी 5 दिनों के दौरान मानसूनी गतिविधियां सक्रिय रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में कहीं-कहीं भारी से अत्यधिक भारी वर्षा तथा वज्रपात की स्थिति बन सकती है। किसानों एवं आम नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। आईए इस लेख के माध्यम से जानते है आने वाले दिनों मे कैसा रहेगा मौसम और क्या है किसानों के लिए फसल सलाह ।
पिछले 24 घंटों मे कैसा रहा मौसम
पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। रीवा, जबलपुर, शहडोल और सागर संभाग के कुछ जिलों में बौछारें पड़ीं, वहीं भोपाल संभाग में भी कुछ स्थानों पर वर्षा हुई। नर्मदापुरम, उज्जैन, ग्वालियर और चंबल संभाग के कई जिलों में अच्छी बारिश हुई जबकि इंदौर संभाग के ज्यादातर जिलों में भी बरसात दर्ज की गई। इसके अलावा बाकी संभागों में मौसम शुष्क रहा।
तापमान की बात करें तो इंदौर संभाग में दिन का अधिकतम तापमान करीब 2.6 डिग्री सेल्सियस तक गिरा और यह सामान्य से लगभग 2.5 डिग्री कम दर्ज हुआ। वहीं नर्मदापुरम, शहडोल और सागर संभाग में दिन का तापमान सामान्य से 1.6 से 2.4 डिग्री तक अधिक पाया गया। अन्य संभागों में तापमान सामान्य के आसपास ही रहा।
रात के तापमान में प्रदेशभर में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। सागर संभाग में न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब 1.7 डिग्री अधिक रहा, जबकि शहडोल संभाग में यह सामान्य से 4.4 डिग्री तक ज्यादा दर्ज किया गया। बाकी जिलों में रात का तापमान सामान्य ही बना रहा।
31 अगस्त 2025: आज का मौसम पूर्वानुमान
| चेतावनी | प्रभावित जिले |
|---|---|
| अत्यधिक भारी वर्षा | मुरैना, श्योपुरकलां |
| भारी वर्षा एवं वज्रपात | रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पांढुरना |
| गरज-चमक और वज्रपात | भोपाल, विदिशा, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, मंदसौर, नीमच, दतिया, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर |

यह भी देखें : दैनिक मौसम रिपोर्ट मध्यप्रदेश: अगले 24 घंटों मे कैसा रहेगा मौसम? जानिए जिलेवार रिपोर्ट
01 सितम्बर 2025
भारी वर्षा एवं वज्रपात: सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, इंदौर, उज्जैन, देवास, अनूपपुर, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पांढुरना।
वर्षा गरज-चमक और वज्रपात: भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर।
02 सितम्बर 2025
भारी वर्षा एवं वज्रपात: सीहोर, राजगढ़, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, पांढुरना।
वर्षा गरज-चमक और वज्रपात: भोपाल, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर।
03 सितम्बर 2025
भारी वर्षा एवं वज्रपात: सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, छिंदवाड़ा, सिवनी, पांढुरना।
वर्षा गरज-चमक और वज्रपात: भोपाल, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर।
04 सितम्बर 2025
भारी वर्षा एवं वज्रपात: बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पांढुरना।
वर्षा गरज-चमक और वज्रपात: भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, हरदा, झाबुआ, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर।
कृषक सलाह
- किसान भाई ध्यान दें कि लगातार वर्षा के चलते खेतों में जलभराव न हो, इसके लिए उचित निकासी व्यवस्था करें।
- सोयाबीन में वर्षा रुकने पर कीट एवं रोग नियंत्रण हेतु दवाइयों का छिड़काव करें।
- धान, मक्का, उड़द, मूंग एवं ज्वार में कीट प्रकोप दिखने पर कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 4G अथवा अनुशंसित कीटनाशक का प्रयोग करें। गन्ना व केला जैसी ऊँची फसलों को सहारा देकर गिरने से बचाएँ।
- सब्जियों एवं बागवानी फसलों में रोग व कीट नियंत्रण हेतु कॉपर ऑक्सीक्लोराइड, कार्बेन्डाजिम, मैनकोजेब अथवा नीम तेल का छिड़काव लाभकारी रहेगा।
- पशुपालक अपने जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर रखें और उन्हें पेड़ों या खंभों के नीचे बाँधने से बचें।
मौसम से जुड़ी अन्य सावधानियां
- भारी वर्षा के कारण दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क और हवाई यातायात प्रभावित हो सकता है। उफनती नदियों, नालों या पुलियों को पार न करें।
- निचले इलाकों, सड़कों और अंडरपास में जलभराव की संभावना है, जिससे यातायात जाम और देरी हो सकती है।
- झोंकेदार तेज हवाओं से उड़ने वाला मलबा और कम दृश्यता यात्रा व परिवहन को प्रभावित कर सकते हैं। संभव हो तो यात्रा से बचें।
- परिवहन सुविधा और निकासी के विकल्प पहले से तय करें। वाहन धीरे चलाएं और स्टीयरिंग व्हील को मजबूती से पकड़े रखें। पुलों और ऊँची खुली सड़कों से बचें।
- मचान (स्कैफोल्डिंग) और निर्माण स्थलों से दूर रहें। खुले मैदान या ऊँचे स्थानों पर जाने से बचें। बिजली गिरने का खतरा रहता है।
- पेड़, बिजली के खंभे, अस्थायी शेड और कमजोर संरचनाएं नुकसान पहुंचा सकती हैं। आंधी-तूफान के दौरान खेतों में काम करने से बचें।
- गरज-चमक के समय घर के अंदर रहें, खिड़कियां और दरवाजे बंद करें। यात्रा न करें।
- आपातकालीन किट में भोजन, पानी, दवाइयां, टॉर्च, बैटरी और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री रखें।
- तूफान के दौरान पेड़ों के नीचे शरण न लें और जल निकायों से तुरंत बाहर निकल जाएं। पेड़ों और बिजली की तारों से दूरी बनाए रखें।
- कंक्रीट की फर्श पर न लेटें और न ही कंक्रीट की दीवारों का सहारा लें। इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्लग निकाल दें और उनसे दूर रहें।
- पशुओं को सुरक्षित और सुरक्षित शेड में रखें। विशेषकर रात के समय उनका विशेष ध्यान रखें।
- अगले 24 घंटों में अपेक्षित वर्षा से संतृप्त मिट्टी और निचले इलाकों में सतही अपवाह/जलभराव हो सकता है।
- स्थानीय अधिकारियों द्वारा निर्धारित नजदीकी बाढ़ आश्रयों, निकासी मार्गों और सभा स्थलों की जानकारी रखें।
- सरकार द्वारा जारी बाढ़ चेतावनियों और सलाह पर अपडेट रहें।
- जलजनित और कीटजनित रोगों से बचाव के लिए उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं। साफ-सफाई बनाए रखें और मच्छरों के प्रजनन स्रोत नष्ट करें।
- मानसून में सर्दी, खांसी और वायरल बुखार जैसी बीमारियां बढ़ती हैं। इनके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और बने रहने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को अधिक नमी के कारण होने वाले जोखिमों पर ध्यान देना चाहिए। नियमित रूप से अपना रक्तचाप जांचें और चिकित्सक द्वारा सुझाए आहार का पालन करें।
- भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और स्थानीय अधिकारियों जैसे आधिकारिक स्रोतों से मौसम पूर्वानुमान और अलर्ट की जानकारी लेते रहें।









